


दिवाली के बाद कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। आज 22 अक्टूबर को गोवर्धन का पर्व मनाया जा रहा है। गोवर्धन पूजा के दिन भक्त गाय के गोबर से घर-आंगन में गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाकर पूजा करते हैं। गोवर्धन के दिन गोवर्धन महाराज और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा होती है। लोग गोवर्धन पूजा के बाद गोबर को इधर-उधर फेंक देते हैं लेकिन ऐसा करना सही नहीं होता है। चलिए आपको बताते हैं कि आपको गोवर्धन पूजा के बाद गोबर का क्या करना चाहिए।
गोवर्धन पूजा के बाद इधर-उधर न फेंके गोबर
गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाने के बाद लोग पूजजा करते हैं और इसके बाद सफाई कर इसे फेंक देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. गोवर्धन पूजा के बाद आपको इसे कूड़े में या अपवित्र स्थान पर नहीं फेंकना चाहिए। इसे इकट्ठा करके सुरक्षित रख लें। आप पूजा में इस्तेमाल की गई सभी सामग्री को इकट्ठा कर लें। इसके बाद आप इसका इस्तेमाल कई तरीकों से कर सकते हैं।
छत-आंगन की लिपाई
गांव के कच्चे घरों की गोबर से लिपाई की जाती है आप इस गोबर का इस्तेमाल लिपाई के लिए कर सकते हैं। इससे घर में भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है।
उपले बनाएं
आप इस गोबर का इस्तेमाल कर उपले बना सकते हैं। इन उपलों को आप ईंधन के तौर पर खाना बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
खेतों में डालें
आप खेतों में खाद के तौर पर इस गोबर का इस्तेमाल कर सकते हैं। खेतों में इस खाद को डालने से खेत की मिट्टी की उर्वरकता बढ़ती है। इससे फसल की पैदावार बढ़ती है।
गमलों में डालें
आप शहरों में रहते हैं तो इसका इस्तेमाल घर और छत पर लगे गमलों में डालकर कर सकते हैं। आप इसे इकट्ठा करके रख लें और थोड़े-थोड़े समय के बाद गमलों में खाद की तरह इस्तेमाल करें। इसके अलावा पूजा की अन्य सामग्री को बहते हुए स्वच्छ जल में प्रवाहित कर दें।